Hindi Story Writing Topics कहानी लेखन |
भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं में कहानी लेखन का महत्वपूर्ण भूमिका रहता हैं। Story Writing Topics In Hindi का विषय क्या हो?
Hame Kisi Story writing Topics पर यदि kahani लिखना हो तो हम किस प्रकार से कहानी लेखन का कार्य कर सकते हैं आइये कुछ उदाहरणों से सिखने का प्रयास करे -
लालची राजा, सच्चा लकड़हारा, भला आदमी, बिना विचारे काम मत करो, दया का शुभ फल, पिता और पुत्र, ईश्वर सब कहीं हैं, मित्र की सलाह, स्वर्ग का दर्शन, सबसे बड़ा पुण्यात्मा, मक्खी का लोभ, मेल की शक्ति, सच्ची जित, मूर्खराज, जाओ और आओ, खरगोश और मेढक, बादशाह और माली, नेकीका बदला, उपकार का बदला, लालची बन्दर आदि।
उपयुक्त किसी भी विषय पर आप कहानी लेखन का कार्य कर सकते हैं। उपयुक्त विषयों पर पहले से ही प्रचलित कहानियाँ हो सकती हैं लेकिन लेखक आपने भाषा में और अपने बुद्धिमता का परिचय देते हुवे अनेकानेक कहानियों की रचना कर सकता हैं।
हमें कोशिश करनी चाहिए की हमारे द्वारा लिखित कहानी शिक्षा से ओत-प्रोत हो उससे समाज में एक अच्छा सन्देश जाए। Hindi Story Writing Topics
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एक समय की बात हैं किसी गांव में एक लकड़हारा रहता था। उसका नाम मंगल था। मंगल बहुत सीधा और सच्चा था। वह बहुत गरीब था इसीलिए कड़ी मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।
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Hindi Story Writing Topics - सच्चा लकड़हारा
यदि आपकी लिखित कहानी जनजागरूकता लाने में सहयोग कर सके तो यही कहानी लेखन का अंतिम लक्ष्य हैं। तो चलिए उपरोक्त कुछ विषयो पर हम कहानी लिखते हैं और इस उदहारण से कहानी लेखन को सिखने का प्रयास करते हैं -एक समय की बात हैं किसी गांव में एक लकड़हारा रहता था। उसका नाम मंगल था। मंगल बहुत सीधा और सच्चा था। वह बहुत गरीब था इसीलिए कड़ी मेहनत करके अपने परिवार का पालन-पोषण करता था।
वह दिनभर जंगल में सुखी लकड़ियाँ काटता और शाम होने पर उनका गट्ठर बाँधकर बाजार लेकर जाता। लकड़ियों को बेचने पर जो पैसे मिलते थे, उनसे वह आटा, नमक आदि खरीदकर घर लौट आता था। Hindi Story Writing Topics
उसे अपने परिश्रम की कमाई पर बड़ा संतोष था। एक दिन मंगल जंगल में लकड़ी काटने गया। एक नदी के किनारे एक पेड़ की सुखी डाल काटने वह पेड़ पर चढ़ गया। डाल काटते समय उसकी कुल्हाड़ी लकड़ी मे से ढीली होकर निकल गयी और नदी में गिर गयी। मंगल पेड़ से उतर आया।
अपना कुल्हाड़ी खोजने के लिए उसने नदी में छलांग लगा दी। नदी के पानी में उसने कई बार डुबकी लगायी; किन्तु उसे अपना कुल्हाड़ी नहीं मिला। Hindi Story Writing Topics
मंगल दुःखी होकर नदी के किनारे दोनों हाथों से सर को पकड़ के बैठ गया। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसके पास दूसरी कुल्हाड़ी खरीदने को पैसे नहीं थे। कुल्हाड़ी के बिना वह अपना और अपने परिवार का पालन कैसे करेगा, यह बड़ी भारी चिंता उसे सता रही थी।
देवता ने कहा -'रोओ मत! मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी निकाल देता हूँ।' देवता ने पानी में डुबकी लगायी और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर निकले। उन्होंने कहा - 'तुम अपनी कुल्हाड़ी लो।'
मंगल ने सर उठाकर देखा और कहा - 'यह तो किसी बड़े आदमी की कुल्हाड़ी हैं। मैं गरीब आदमी हूँ। मेरे पास कुल्हाड़ी बनाने के लिए सोना कहाँ से आवेगा। यह तो सोने की कुल्हाड़ी हैं। यह मेरा नहीं हैं।
देवता ने दूसरी बार फिर डुबकी लगायी और चाँदी की कुल्हाड़ी निकलकर वे मंगल को देने लगे। मंगल ने कहा 'महाराज! मेरे भाग्य ही खोटे हैं। आपने मेरे लिए बहुत कष्ट उठाया, पर मेरी कुल्हाड़ी नहीं मिली। मेरी कुल्हाड़ी तो साधारण लोहे की हैं। Hindi Story Writing Topics.
देवता ने तीसरी बार डुबकी लगाकर मंगल की लोहे की कुल्हाड़ी निकाल दी। मंगल प्रसन्न हो गया। उसने धन्यवाद देकर अपनी कुल्हाड़ी ले ली। देवता मंगल की सच्चाई और ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। वे बोले - 'मैं तुम्हारी सच्चाई और ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हूँ। तुम ये दोनों कुल्हाड़ी भी ले जाओ।'
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वन के देवता घुरहू के लालच का दंड देने फिर प्रकट हुए। घुरहू से पूछकर उन्होंने नदी में डुबकी लगाकर सोने की कुल्हाड़ी निकाली। सोने की कुल्हाड़ी देखते ही घुरहू चिल्ला उठा -'यह मेरी कुल्हाड़ी हैं।'
मंगल दुःखी होकर नदी के किनारे दोनों हाथों से सर को पकड़ के बैठ गया। उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसके पास दूसरी कुल्हाड़ी खरीदने को पैसे नहीं थे। कुल्हाड़ी के बिना वह अपना और अपने परिवार का पालन कैसे करेगा, यह बड़ी भारी चिंता उसे सता रही थी।
सोने की कुल्हाड़ी - Hindi Story Writing Topics
वन के देवता को मंगल पर दया आ गयी। वे बालक का रूप धारण करके प्रकट हो गये और बोले - 'भाई! तुम क्यों रो रहे हो ?' मंगल ने रोते-रोते अपनी व्यथा कही - 'मेरी कुल्हाड़ी पानी में गिर गयी। अब मै लकड़ी कैसे काटूँगा और अपने बाल-बच्चो का पेट कैसे भरूँगा ?'देवता ने कहा -'रोओ मत! मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी निकाल देता हूँ।' देवता ने पानी में डुबकी लगायी और एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर निकले। उन्होंने कहा - 'तुम अपनी कुल्हाड़ी लो।'
मंगल ने सर उठाकर देखा और कहा - 'यह तो किसी बड़े आदमी की कुल्हाड़ी हैं। मैं गरीब आदमी हूँ। मेरे पास कुल्हाड़ी बनाने के लिए सोना कहाँ से आवेगा। यह तो सोने की कुल्हाड़ी हैं। यह मेरा नहीं हैं।
देवता ने दूसरी बार फिर डुबकी लगायी और चाँदी की कुल्हाड़ी निकलकर वे मंगल को देने लगे। मंगल ने कहा 'महाराज! मेरे भाग्य ही खोटे हैं। आपने मेरे लिए बहुत कष्ट उठाया, पर मेरी कुल्हाड़ी नहीं मिली। मेरी कुल्हाड़ी तो साधारण लोहे की हैं। Hindi Story Writing Topics.
देवता ने तीसरी बार डुबकी लगाकर मंगल की लोहे की कुल्हाड़ी निकाल दी। मंगल प्रसन्न हो गया। उसने धन्यवाद देकर अपनी कुल्हाड़ी ले ली। देवता मंगल की सच्चाई और ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हुए। वे बोले - 'मैं तुम्हारी सच्चाई और ईमानदारी से बहुत प्रसन्न हूँ। तुम ये दोनों कुल्हाड़ी भी ले जाओ।'
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लालच का फल, Hindi Story Of
सीधे स्वभाव के मंगल ने सब बाते सच-सच बता दी। लालची घुरहू सोने-चाँदी की कुल्हाड़ी के लोभ से दूसरे दिन अपनी कुल्हाड़ी लेकर उसी जंगल में गया। उसने उसी पेड़ पर लकड़ी काटना प्रारम्भ किया। जान-बूझकर अपनी कुल्हाड़ी उसने नदी में गिरा दी। और पेड़ से निचे उतर कर रोने लगा।वन के देवता घुरहू के लालच का दंड देने फिर प्रकट हुए। घुरहू से पूछकर उन्होंने नदी में डुबकी लगाकर सोने की कुल्हाड़ी निकाली। सोने की कुल्हाड़ी देखते ही घुरहू चिल्ला उठा -'यह मेरी कुल्हाड़ी हैं।'
वन के देवता ने कहा - 'तू झूठ बोलता हैं, यह तेरी कुल्हाड़ी नहीं हैं।' देवता ने वह कुल्हाड़ी पानी में फेंक दी और वे अदृश्य हो गये। लालच में पड़ने से घुरहू की अपनी लोहे की कुल्हाड़ी से भी हाथ धोना पड़ा। वह रोता पछताता घर लौट आया।
तो देखा आपने कैसे सच्चा लकड़हारा विषय पर यह कितना सुन्दर कहानी हैं। यह कहानी प्रेरक भी हैं हमें सदैव सच बोलना चाहिए और ईमानदार होना चाहिए लालच में पड़ने से हम अपना ही नुक्सान कर बैठते हैं।
तो यह कहानी आपको कैसी लगी अपनी प्रतिक्रिया इस निबंध के अंत में कमेंट बॉक्स में अवश्य दे। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए मार्गदर्शन सामान हैं।
तो यह कहानी आपको कैसी लगी अपनी प्रतिक्रिया इस निबंध के अंत में कमेंट बॉक्स में अवश्य दे। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए मार्गदर्शन सामान हैं।
आपके प्रतिक्रिया से हमें प्रेरणा मिलेगी और हम ऐसे ही प्रेरक कहानियाँ हमेशा खोज-खोज के आपके लिए लाते रहेंगे तो चलिए Hindi Story Writing Topics के अगली कड़ी में एक और कहानी के उदहारण को पढ़ते हैं जिसका नाम - 'भला आदमी' हैं।
एक नौकर ने उसके आगे भोजन और पानी लाकर रख दिया। लेकिन जैसे ही मिदास ने भोजन को हाथ लगाया, सब भोजन सोना बन गया। उसने पानी पिने के लिए गिलास उठाया तो गिलास और पानी दोनों सोने का हो गया। मिदास के सामने सोने की रोटियाँ, सोने के चावल, सोने के आलू, आदि रखे थे और वह बहुत भूखा था, प्यासा था। सोना चबाकर उसकी भूख नहीं मिट सकती थी।Story Writing Topics In Hindi
Hindi Story Writing Topics जाते-जाते निचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया देना न भूले और ऐसे ही आदर्श कहानी, प्रसिद्ध जीवनी, अनकहे इतिहास, महाभारत की कहानी, प्रसिद्द मंदिर, टॉप न्यूज़, ज्ञान की बाते , प्रेरक वचन पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करे। Hindi Story Writing Topics, Story Writing Topics In Hindi, Hindi Story Writing Topics
Hindi Story Writing Topics -भला आदमी
एक धनी पुरुष ने एक मंदिर बनवाया। मंदिर में भगवान् की पूजा करने के लिए एक पुजारी रखा। मंदिर के खर्च के लिए बहुत-सी भूमि, खेत और बगीचे मंदिर के नाम लगाये।
उन्होंने ऐसा प्रबंध किया था की जो मंदिर में भूखे, दिन-दुखी या साधू-संत आवें, वे वहाँ दो-चार दिन ठहर सकें और उनको भोजन के लिये भगवान् का प्रसाद मंदिर से मिल जाया करे। कुछ महीने शुभ-शुभ बीतने के बाद।
अब उन्हें एक ऐसे मनुष्य की आवश्यकता हुई जो मंदिर की संपत्ति का प्रबंध करें और मंदिर के सब कामों को ठीक-ठाक चलाता रहे। यह बात धीरे-धीरे पुरे नगर में फ़ैल गई।
बहुत-से लोग उस धनी पुरुष के पास आये। वे लोग जानते थे की यदि मंदिर की व्यवस्था का कार्य मिल जाय तो वतन अच्छा मिलेगा। लेकिन उस धनी पुरुष ने सबको लौटा दिया। वह सबसे कहता था -'मुझे एक भला आदमी चाहिये, मैं उसको अपने-आप छाँट लूँगा।'
बहुत-से लोग मन-ही-मन उस धनी पुरुष को गालियाँ देते थे। बहुत लोग उसे मुर्ख या पागल बतलाते थे। लेकिन वह धनी पुरुष किसी की बात पर ध्यान नहीं देता था।
जब मंदिर के पट खुलते थे और लोग भगवान् के दर्शन के लिये आने लगते थे तब वह धनी पुरुष अपने मकान की छत पर बैठकर मंदिर में आनेवाले लोगो को चुपचाप देखा करता था।'
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कर भला सो हो भला Story Writing Topics In Hindi
एक दिन एक मनुष्य मंदिर में दर्शन करने आया। उसके कपड़े मैले और फटे हुए थे। वह बहुत पढ़ा-लिखा भी नहीं जान पड़ता था। जब वह भगवान् का दर्शन करके जाने लगा तब धनी पुरुष ने उसे अपने पास बुलाया और कहा - 'क्या आप इस मंदिर की व्यवस्था सँभालने का काम स्वीकार करेंगे ?
वह मनुष्य बड़े आश्चर्य में पड़ गया। उसने कहा -'मैं तो बहुत पढ़ा-लिखा नहीं हूँ। मैं इतने बड़े मंदिर का प्रबंध कैसे कर सकूंगा ?' धनी पुरुष ने कहा - 'मुझे बहुत विद्वान नहीं चाहिये। मैं तो एक भली आदमी को मंदिर का प्रबंधक बनाना चाहता हूँ।'
वह मनुष्य बड़े आश्चर्य में पड़ गया। उसने कहा -'मैं तो बहुत पढ़ा-लिखा नहीं हूँ। मैं इतने बड़े मंदिर का प्रबंध कैसे कर सकूंगा ?' धनी पुरुष ने कहा - 'मुझे बहुत विद्वान नहीं चाहिये। मैं तो एक भली आदमी को मंदिर का प्रबंधक बनाना चाहता हूँ।'
उस मनुष्य ने कहा -'आपने इतने मनुष्यों में मुझे ही क्यों भला आदमी माना ?' धनी पुरुष बोला - 'मैं जनता हूँ की आप भले आदमी हैं। मंदिर के रास्ते में एक ईट का टुकड़ा गड़ा रह गया था और उसका एक कोना ऊपर निकला था। मैं इधर बहुत दिनों से देखता था की उस ईंट के टुकड़े की नोक से लोगो को ठोकर लगती थी।
लोग गिरते थे, लुढ़कते थे और उठकर चल देते थे। आपको उस टुकड़े से ठोकर लगी नहीं; किन्तु आपने उसे देखकर ही उखाड़ देने का यत्न किया। मैं देख रहा था की आप मेरे मजदुर से फावड़ा माँगकर ले गये और उस टुकड़े को खोदकर आपने वहाँ की भूमि भी बराबर कर दी।'
उस मनुष्य ने कहा - 'यह तो कोई बात नहीं हैं। रास्ते में पड़े काँटें, कंकड़ और ठोकर लगने योग्य पत्थर, ईंटो को हटा देना तो प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य हैं।' धनी पुरुष ने कहा - 'अपने कर्तव्य को जानने और पालन करनेवाले लोग ही भले आदमी होते हैं।'
लालची राजा Hindi Story With Moral
वह मनुष्य मंदिर का प्रबंधक बन गया उसने मंदिर का बड़ा सुन्दर प्रबंधन किया। तो आपको कहानी कैसी लगी कृपया इस निबंध के निचे कमेंट बॉक्स में बताने का कष्ट करें। आपकी प्रतिक्रिया हमारा मार्गदर्शन हैं। Hindi Story Writing Topics की कड़ी में चलिए अगला कहानी लालची राजा पर एक नजर डालते हैं।
यूरोप में यूनान नामका एक देश हैं। यूनान में पुराने समय में मिदास नामक एक राजा राज्य करता था। अपनी पुत्री को छोड़कर उसे दूसरी कोई वस्तु संसार में प्यारी थी तो बस सोना ही प्यारा था। वह रात मे सोते-सोते भी सोना इकठ्ठा करने का स्वप्न देखा करता था।
यूरोप में यूनान नामका एक देश हैं। यूनान में पुराने समय में मिदास नामक एक राजा राज्य करता था। अपनी पुत्री को छोड़कर उसे दूसरी कोई वस्तु संसार में प्यारी थी तो बस सोना ही प्यारा था। वह रात मे सोते-सोते भी सोना इकठ्ठा करने का स्वप्न देखा करता था।
एक दिन राजा मिदास अपने खजाने में बैठा सोने की ईंटें और अशर्फियाँ गिन रहा था। अचानक वहाँ एक देवदूत आया। उसने राजा से कहा - 'मिदास! तुम बहुत धनी हो।' मिदास ने मुँह लटकाकर उत्तर दिया - 'मैं धनी कहाँ हूँ। मेरे पास तो बहुत थोड़ा सोना हैं।'
देवदूत बोला - 'तुम्हे इतने सोने से भी संतोष नहीं? कितना सोना चाहिये तुम्हें ?' राजा ने कहा - 'मैं तो चाहता हूँ की मैं जिस वस्तु को हाथ से स्पर्श करूँ वही सोने की हो जाय। देवदूत हँसा और बोला - 'अच्छी बात! कल सबेरे से तुम जिस वस्तु को हाथ से स्पर्श करोगे वही सोने की हो जायगी।'
उस दिन, रात में राजा मिदास को नींद नहीं आयी। बड़े सबेरे वह उठा। उसने एक कुर्सी पर हाथ रखा, वह सोने की हो गयी। एक मेज को छुआ, वह भी सोने की बन गयी। राजा मिदास प्रसन्नता के मारे उछलने और नाचने लगा। वह पागलों की भाँति दौड़ता हुआ अपने बगीचे में गया और पेड़ों को छूने लगा।
सोने की रोटियाँ, सोने के चावल
उसने फूल, पत्ते, डालियाँ, गमले छुए। सब सोने के हो गए। सब चमाचम चमकने लगे। मिदास के पास सोने का पार नहीं रहा। दौड़ते-उछलते मिदास थक गया। उसे अभी तक यह पता ही नहीं लगा था की उसके कपडे भी सोने के होकर बहुत भरी हो गये हैं। वह प्यासा था और भूख भी उसे लगी थी। बगीचों से अपने राजमहल लौटकर एक सोने की कुर्सी पर वह बैठ गया।
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एक नौकर ने उसके आगे भोजन और पानी लाकर रख दिया। लेकिन जैसे ही मिदास ने भोजन को हाथ लगाया, सब भोजन सोना बन गया। उसने पानी पिने के लिए गिलास उठाया तो गिलास और पानी दोनों सोने का हो गया। मिदास के सामने सोने की रोटियाँ, सोने के चावल, सोने के आलू, आदि रखे थे और वह बहुत भूखा था, प्यासा था। सोना चबाकर उसकी भूख नहीं मिट सकती थी।Story Writing Topics In Hindi
मिदास रो पड़ा उसी समय उसकी पुत्री खेलते हुए वहाँ आयी। अपने पिता को रोते देख वह पिता की गोद में चढ़कर उसके आँसू पोंछने लगी। मिदास ने पुत्री को अपनी छाती से लगा लिया। लेकिन अब उसकी पुत्री वहाँ कहाँ थी। मिदास की गोद में तो उसकी पुत्री की सोने की इतनी वजनी मूर्ति थी की उसे वह गॉड में उठाये भी नहीं रख सकता था।
बेचारा मिदास सिर पिट-पिटकर रोने लगा। देवदूत को दया आ गयी। वह फिर प्रकट हुआ। उसे देखते ही मिदास उसके पैरोंपर गिर पड़ा और गिड़गिड़ाकर प्रार्थना करने लगा - 'आप अपना वरदान वापस लौटा लीजिये।' देवदूत ने पूछा - 'मिदास! अब तुम्हे सोना नहीं चाहिए ? बताओ तो एक ग्लास पानी मूलयवान हैं या सोना ? एक टुकड़ा रोटी भली या सोना ?'
मिदास ने हाथ जोड़कर कहा - 'मुझे सोना चाहिये। मैं जान गया कि मनुष्य को सोना नहीं चाहिये। सोने के बिना मनुष्य का कोई काम नहीं अटकता; किन्तु एक ग्लास पानी और एक टुकड़े रोटी के बिना मनुष्य का काम नहीं चल सकता। अब सोने का लोभ नहीं करूँगा।' मुझे क्षमा करें। Story Writing Topics In Hindi
देवदूत ने एक कटोरे में जल दिया और कहा - 'इसे सब पर छिड़क दो।' मिदास ने वह जल अपनी पुत्री पर, मेज पर, कुर्सी पर, भोजन पर, पानी पर और बगीचे के पेड़ों पर छिड़क दिया। सब पदार्थ जैसे पहले थे, वैसे ही हो गये।
आपकी प्रतिक्रिया हमारा मार्गदशन हैं।
तो आपको यह Hindi Story Writing Topics कैसी लगी ? निचे कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर देने का कष्ट करे। आपकी प्रतिक्रिया हमारे लिए मार्गदर्शन हैं। आपके कमेंट से हमें और भी प्रेरक कहानिया लिखने की प्रेरणा मिलेगी और हम इसी तरह आपके लिए लेके आते रहेंगे एक से बढ़कर एक कहानी।
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