हजारो सालो की गुलामी से भारत लगभग 70 साल पहले सन 1947 में 15 अगस्त को रात के 12 बजे आज़ाद हुआ था। भारत की आज़ादी भी बहुत संदेहास्पद हैं। कितने विचारको या क्रांतिकारियों का मानना हैं की भारत में अभी पूर्ण स्वराज बाकी हैं। हमें आज़ादी नहीं अंग्रेजो ने अपने सहयोगियों को सत्ता हस्तारण कर के और भारत के कथित आज़ादी का ढोल पिट के चले गए।
आज़ादी की 70 साल बाद तक भारत का जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हुआ। भारत भ्रस्टाचार तथा अव्यस्थता का घर बन गया था। भारत की जनता बहुत बड़े बदलाव के तलाश में थी और जनता का यह तलाश 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की शपथ लेते ही ख़त्म हुई। जनता ने नरेंद्र मोदी को भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा वोटो के अंतर से जित दिलाई और मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया।
बिच में कई प्रधानमंत्री हुवे जिन्होंने पूरी देश भावना से सरकार चलाया था लेकिन नरेंद्र मोदी जैसा वीर, धैर्यवान, कूटनीतिक, साधू, ब्रह्मचारी व्यक्तित्व किसी भी प्रधानमंत्री का आज तक नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी हैं।
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 में गुजरात के वडनगर में एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। नरेंद्र मोदी के पिताजी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का कार्य करते थे नरेंद्र मोदी भी चाय बेचने के कार्य में अपने पिताजी का सहयोग करते थे और चाय की केतली लेकर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के अंदर लोगो को चाय पिलाया करते थे।
आज 17 सितम्बर को भारत के 14 वे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के जन्मदिन के अवसर पर उनसे जुड़े कुछ रोचक बातो को जानने का प्रयास करते हैं:-
1. आठ साल की छोटी उम्र ही चाय बेचने के साथ साथ नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वेम सेवक संघ RSS ज्वाइन कर लिया था। जिससे राजनीति टीम वर्क आदि आदि का गुण विकसित हुआ।
2. हाई स्कूल की पढाई ख़त्म होते ही तथा शादी से बचने के लिए नरेंद्र मोदी ने घर छोड़ दिया और RSS के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए। दो सालो तक मोदी जी ने पुरे भारत का भ्रमण किया तथा कई धार्मिक मंदिरो केन्द्रो पर निवास भी किया।
3. कहा जाता है की बचपन में नरेंद्र मोदी मगरमच्छ से भरे तालाब के बिच में स्थित मंदिर के गिरे हुवे झंडे को बदलने के लिए अपनी जान की बिना परवाह किए तालाब में कूद गए थे और मंदिर का झंडा बदल दिया था।
4. 1985 में RSS ने मोदी को भाजपा में भेज दिया जहा पर नरेंद्र मोदी ने कई पदों पर रहते हुवे 2001 में अध्यक्ष पड़े के रूप में भी कार्य किया।
5. बचपन में नरिया नाम से पुकारे जाने वाले नरेंद्र मोदी 5 भाई बहनो में दूसरे नम्बर की संतान थे।
6. बचपन से सैनिको के प्रति नरेंद्र मोदी को बहुत प्रेम था 1965 के युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशन पर वो अक्सर युद्ध में जाने वाले सैनिको को चाय पिया करते थे।
7. नरेंद्र मोदी बचपन में कोई मेधावी क्षात्र नहीं थे। वो औसत क्षात्र थे लेकिन वो आम बालको से बहुत भिन्न थे।
8. गुजरात के वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य नमक स्कूल में पढ़ते थे।
9. साधू संतो की सेवा में नरेंद्र मोदी का बहुत मन लगता था बचपन में ही उनके गांव आये एक साधु ने नरेंद्र मोदी का भाग्य था उन्होंने बता दिया था की यह लड़का भारत का प्रधानमंत्री बनेगा।
10.सैनिक वर्ग से प्रेम के कारन नरेंद्र मोदी बचपन में NCC में शामिल हो गए थे सात ही उन्होंने एक्टिंग, वादविवाद आदि में स्कूल में कई पुरस्कार भी जीते।
11. साधू सन्तु से प्रभावित मोदी सन्यासी बनाने के लिए घर से भाग गए थे तथ पश्चिम बंगाल के राम कृष्ण आश्रम में कई दिन तक निवास भी किया था।
12. नरेंद्र मोदी बचपन से ही RSS से जुड़े थे 1958 में दिवाली के दिन गुजरात RSS के पहले प्रान्त प्रचारक लक्षमण राओ ईमानदार उर्फ़ वकील साहब ने मोदी को पहली बार RSS की शपथ दिलाई।
13.नरेन्द्र मोदी ने हिमालय के जंगलो में कई महीनो तक साधू संतो के साथ निवास भी किया था तथा घर वापस आने पर सन्यासियों वाला जीवन व्यतीत करने लगे।
14. 18 उम्र में मोदी के शादी का बहुत प्रयास किया गया लेकिन वो घर छोड़ कर चले जाते थे।
15. नरेंद्र मोदी कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपनी माँ का आशीर्वाद जरूर लेते हैं।
16. मोदी ने 1970 में वडनगर में अपना घर छोड़ दिया था 1975 में जब वह वापिस उन्होंने सिख वेशभूषा धारण की हुई थी क्युकी आपातकाल के दौरान गिरफ़्तारी का डर था।
17. मोदी जी बचपन से ही योग ध्यान तथा आयुर्वेद के प्रति बहुत आकर्षित थे तथा अपना पूरा जीवन वो योग करते हुवे ही जीते हैं।
18. अहमदाबाद स्थित आरएसएस कार्यालय में नरेंद्र मोदी कार्यालय का छोटा मोटा कार्य अपने हाथो से से करते थे जैसे साफ़ सफाई झाड़ू पॉच चाय-नाश्ता, भोजन बनाना आदि।
19. नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री की तीन बार और प्रधानमंत्री की दो बार शपथ लेने वाले पहले नेता हैं।
20. नरेंद्र मोदी पहले ऐसा नेता हैं जो राज्य चुनाव लड़ते ही डायरेक्ट मुख्यमंत्री और लोकसभा का चुनाव लड़ते ही डायरेक्ट प्रधानमन्त्री बन गए हैं। नरेंद्र मोदी कभी भी सिर्फ विधायक या सांसद नहीं रहे।
21. नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानद के बहुत बड़े फोल्लोवेर हैं और उन्होंने विवेकानंद द्वारा लिखित कुछ पुस्ते भी पढ़ी हैं और उनसे वो प्रेरणा भी लेते हैं।
22. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद नरेंद्र मोदी दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने वाले नेता हैं।
23. नरेंद्र मोदी के जीवन शैली को देख कर ऐसा लगता हैं की उन्हें अकेले रहना बहुत पसंद हैं नरेंद्र मोदी अपना घर परिवार के किसी भी व्यक्ति के साथ अपना सरकारी निवास साझा नहीं करते हैं यहाँ तक की अपने माँ के साथ भी नहीं।
2013 में भाजपा में प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर भी बहुत वाद विववाद हुवे पार्टी कई खेमो में आंशिक रूप से बात भी चुकी थी। कुछ लोग लाल कृष्ण आडवाणी में अपना भविष्य देख रहे थे तो कुछ लोग नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमत्री के रूप में देख रहे थे। भाजपा केंद्रीय समिति के पास भी असमंजस की स्थति थी अंत में सोशल मीडिया और लोगो को रुझान ने भाजपा ने भाप लिया नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री उम्मीदवार चुन लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भाजपा को लिड किया और 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार बना कर दिखाई।
आज़ादी की 70 साल बाद तक भारत का जो विकास होना चाहिए था वो नहीं हुआ। भारत भ्रस्टाचार तथा अव्यस्थता का घर बन गया था। भारत की जनता बहुत बड़े बदलाव के तलाश में थी और जनता का यह तलाश 2014 में नरेंद्र मोदी द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की शपथ लेते ही ख़त्म हुई। जनता ने नरेंद्र मोदी को भारत के इतिहास में सबसे ज्यादा वोटो के अंतर से जित दिलाई और मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया।
बिच में कई प्रधानमंत्री हुवे जिन्होंने पूरी देश भावना से सरकार चलाया था लेकिन नरेंद्र मोदी जैसा वीर, धैर्यवान, कूटनीतिक, साधू, ब्रह्मचारी व्यक्तित्व किसी भी प्रधानमंत्री का आज तक नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी हैं।
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 में गुजरात के वडनगर में एक अत्यंत गरीब परिवार में हुआ था। नरेंद्र मोदी के पिताजी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने का कार्य करते थे नरेंद्र मोदी भी चाय बेचने के कार्य में अपने पिताजी का सहयोग करते थे और चाय की केतली लेकर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के अंदर लोगो को चाय पिलाया करते थे।
आज 17 सितम्बर को भारत के 14 वे लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी के जन्मदिन के अवसर पर उनसे जुड़े कुछ रोचक बातो को जानने का प्रयास करते हैं:-
1. आठ साल की छोटी उम्र ही चाय बेचने के साथ साथ नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वेम सेवक संघ RSS ज्वाइन कर लिया था। जिससे राजनीति टीम वर्क आदि आदि का गुण विकसित हुआ।
2. हाई स्कूल की पढाई ख़त्म होते ही तथा शादी से बचने के लिए नरेंद्र मोदी ने घर छोड़ दिया और RSS के पूर्ण कालिक प्रचारक बन गए। दो सालो तक मोदी जी ने पुरे भारत का भ्रमण किया तथा कई धार्मिक मंदिरो केन्द्रो पर निवास भी किया।
3. कहा जाता है की बचपन में नरेंद्र मोदी मगरमच्छ से भरे तालाब के बिच में स्थित मंदिर के गिरे हुवे झंडे को बदलने के लिए अपनी जान की बिना परवाह किए तालाब में कूद गए थे और मंदिर का झंडा बदल दिया था।
4. 1985 में RSS ने मोदी को भाजपा में भेज दिया जहा पर नरेंद्र मोदी ने कई पदों पर रहते हुवे 2001 में अध्यक्ष पड़े के रूप में भी कार्य किया।
5. बचपन में नरिया नाम से पुकारे जाने वाले नरेंद्र मोदी 5 भाई बहनो में दूसरे नम्बर की संतान थे।
6. बचपन से सैनिको के प्रति नरेंद्र मोदी को बहुत प्रेम था 1965 के युद्ध के दौरान रेलवे स्टेशन पर वो अक्सर युद्ध में जाने वाले सैनिको को चाय पिया करते थे।
7. नरेंद्र मोदी बचपन में कोई मेधावी क्षात्र नहीं थे। वो औसत क्षात्र थे लेकिन वो आम बालको से बहुत भिन्न थे।
8. गुजरात के वडनगर के भागवताचार्य नारायणाचार्य नमक स्कूल में पढ़ते थे।
9. साधू संतो की सेवा में नरेंद्र मोदी का बहुत मन लगता था बचपन में ही उनके गांव आये एक साधु ने नरेंद्र मोदी का भाग्य था उन्होंने बता दिया था की यह लड़का भारत का प्रधानमंत्री बनेगा।
10.सैनिक वर्ग से प्रेम के कारन नरेंद्र मोदी बचपन में NCC में शामिल हो गए थे सात ही उन्होंने एक्टिंग, वादविवाद आदि में स्कूल में कई पुरस्कार भी जीते।
11. साधू सन्तु से प्रभावित मोदी सन्यासी बनाने के लिए घर से भाग गए थे तथ पश्चिम बंगाल के राम कृष्ण आश्रम में कई दिन तक निवास भी किया था।
12. नरेंद्र मोदी बचपन से ही RSS से जुड़े थे 1958 में दिवाली के दिन गुजरात RSS के पहले प्रान्त प्रचारक लक्षमण राओ ईमानदार उर्फ़ वकील साहब ने मोदी को पहली बार RSS की शपथ दिलाई।
13.नरेन्द्र मोदी ने हिमालय के जंगलो में कई महीनो तक साधू संतो के साथ निवास भी किया था तथा घर वापस आने पर सन्यासियों वाला जीवन व्यतीत करने लगे।
14. 18 उम्र में मोदी के शादी का बहुत प्रयास किया गया लेकिन वो घर छोड़ कर चले जाते थे।
15. नरेंद्र मोदी कोई भी नया काम शुरू करने से पहले अपनी माँ का आशीर्वाद जरूर लेते हैं।
16. मोदी ने 1970 में वडनगर में अपना घर छोड़ दिया था 1975 में जब वह वापिस उन्होंने सिख वेशभूषा धारण की हुई थी क्युकी आपातकाल के दौरान गिरफ़्तारी का डर था।
17. मोदी जी बचपन से ही योग ध्यान तथा आयुर्वेद के प्रति बहुत आकर्षित थे तथा अपना पूरा जीवन वो योग करते हुवे ही जीते हैं।
18. अहमदाबाद स्थित आरएसएस कार्यालय में नरेंद्र मोदी कार्यालय का छोटा मोटा कार्य अपने हाथो से से करते थे जैसे साफ़ सफाई झाड़ू पॉच चाय-नाश्ता, भोजन बनाना आदि।
19. नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री की तीन बार और प्रधानमंत्री की दो बार शपथ लेने वाले पहले नेता हैं।
20. नरेंद्र मोदी पहले ऐसा नेता हैं जो राज्य चुनाव लड़ते ही डायरेक्ट मुख्यमंत्री और लोकसभा का चुनाव लड़ते ही डायरेक्ट प्रधानमन्त्री बन गए हैं। नरेंद्र मोदी कभी भी सिर्फ विधायक या सांसद नहीं रहे।
21. नरेंद्र मोदी स्वामी विवेकानद के बहुत बड़े फोल्लोवेर हैं और उन्होंने विवेकानंद द्वारा लिखित कुछ पुस्ते भी पढ़ी हैं और उनसे वो प्रेरणा भी लेते हैं।
22. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद नरेंद्र मोदी दुनिया के दूसरे सबसे ज्यादा फॉलो किये जाने वाले नेता हैं।
23. नरेंद्र मोदी के जीवन शैली को देख कर ऐसा लगता हैं की उन्हें अकेले रहना बहुत पसंद हैं नरेंद्र मोदी अपना घर परिवार के किसी भी व्यक्ति के साथ अपना सरकारी निवास साझा नहीं करते हैं यहाँ तक की अपने माँ के साथ भी नहीं।
भाजपा केंद्रीय समिति को मोदी के दबाव की वजह से बनाना पड़ा था मुख्यमंत्री :-
सन 2001 में केशुभाई पटेल जो की उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे उनके लगातार गिरते स्वस्थ्य और आरोपो के बिच भाजपा केंद्रीय समिति पटेल को रेप्लस करने वाला खोज रही थी फिर आडवाणीजी ने मोदी को सर्कार चलने का काम अनुभव होने के कारन पटेल का उपमुख्यमंत्री बनाने को कहा लेकिन नरेंद्र मोदी जी ने कहा मुझे जिम्मेदारी देनी हैं तो पुए गुजरात का फुल जिम्मेदारी दीजिये आधा जिम्मेदारी मैं नहीं उठाऊंगा।फिर भाजपा केंद्रीय समिति द्वारा अंत में मोदी जी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना पड़ा था। मुख्यमंत्री बनते ही 2002 में गुजरात का प्रसिद्ध गोधरा काण्ड तथा गुजरात दंगा हुवा था। जिसको शांत करना मोदी जी के लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। 2002 गुजरात दंगो में मोदी के विरोधियो ने मोदीजी के हाथ होने का बहुत हल्ला किया केस हुआ जांच हुई लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जांच में नरेंद्र मोदी बाईज्जत बरी हुवे।2014 के लोकसभा चुनाव में भी आडवाणी जी से मिली टक्कर :-
2013 में भाजपा में प्रधानमंत्री के चेहरे को लेकर भी बहुत वाद विववाद हुवे पार्टी कई खेमो में आंशिक रूप से बात भी चुकी थी। कुछ लोग लाल कृष्ण आडवाणी में अपना भविष्य देख रहे थे तो कुछ लोग नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमत्री के रूप में देख रहे थे। भाजपा केंद्रीय समिति के पास भी असमंजस की स्थति थी अंत में सोशल मीडिया और लोगो को रुझान ने भाजपा ने भाप लिया नरेंद्र मोदी को 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री उम्मीदवार चुन लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भाजपा को लिड किया और 1984 के बाद पहली बार किसी पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत की सरकार बना कर दिखाई।
पुरे विश्व में भारत को दिलाई अलग पहचान :-
गुजरात में अपने 10 साल के ज्यादा से कार्यकाल में नरेंद्र मोदी ने vibrent गुजरात के तहत जो विकास कार्य किया था। उसकी प्रशंसा पुरे देश में हो रही थी। नरेंद्र मोदी के कार्य शैली से गुजरात का आर्थिक सामाजिक विकास पुरे भारत में चमक रहा था। नरेंद्र मोदी की इन्ही कार्यशैली का इनाम 2014 में जनता द्वारा प्रधानमंत्री बना कर दिया गया। 2014 में प्रधान मंत्री बनाने के बाद से मोदी ने लोगो की आकांक्षाओं आशाओ पर खरा उतरने के लिए खूब म्हणत भी कर रहे हैं। उनकी म्हणत की वजह से भारत एक नै पहचान बनाने में कामयाब हो गया हैं विश्व राजनीति में भी भारत का कद ऊचा हुआ हैं।
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