अंग्रेजो का नस्लवादी गुस्सा पहले से झेल रहे इस भारतीय ने मानो ऐसा काम कर दिया था की आ बैल मुझे मार। तेजी से अपने पथ पर दौड़ रही ट्रेन को बिना वजह रोक देने से वही हुआ जिसकी आशंका थी डिब्बे के अंग्रेजो का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ गया वो अब और अभद्र अभद्र गालिया देने लगे उस भारतीय पर नस्लवादी टिप्पड़ी करने लगे। तभी ट्रेन का गार्ड आया वो गुस्से में चिल्लाने लगा “किसने ट्रेन रोकी ?” पता चलने पर गार्ड ने अपनी लाल पिली आँखे कर के उस भारतीय से पूछा क्या “तुम्हे नहीं मालूम की चलती हुई ट्रेन को चैन खींच कर रोकना अपराध हैं ?”
उस भारतीय ने बहुत ही शांत और सहज भाव में कहा की “श्रीमान यहाँ से “लगभग 220 गज पर ट्रेन की पटरी टूटी हुई हैं यदि मैं चैन नहीं खींचता तो ट्रेन का एक्सीडेंट हो जाता सैकड़ो लोगो चली जाती।” यह बात सुनते ही डिब्बे के सभी अंग्रेजो आश्चर्य से भर गए और उनको और गुस्सा आया ये क्या जानता हैं ये हमारे साथ मजाक कर रहा हैं इसको सजा दो तभी उस भारतीय ने फिर कहा की ” श्री मान आपलोग मेरे साथ चलिए और आगे खुद अपनी आँखों से देख लीजिये।” फिर उसके बाद गार्ड साथ में वो भारतीय और डिब्बे के कुछ अंग्रेज साथ टूटे पटरी को देखने चल दिए रास्ते में अंग्रेजो ने उस भारतीय का खूब उपहास उड़ाया लेकिन जब सभी जगह पर पहुँचे सबका मुँह आश्चर्य से खुला का खुला रहा गया। सबके मुँह पर सिर्फ एक ही डब्बे में बैठ कर आपने कैसे अनुमान लगा लिया की आगे पटरी टूटी हुई हैं ?
भारत में प्रत्येक वर्ष प्रत्येक विश्वविद्यालय में 15 सितम्बर को इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता हैं और मोक्षगुंडम विश्वरैया को याद किया जाता हैं। बारह साल की उम्र में ही पिताजी का साया सर से उठ जाने के कारण मोक्षगुंडम की पढाई की राह कठिनाइयों से भर गई उन्होंने अपना प्रारंभिक शिक्षा चिक्कबल्लापुर तथा माध्यमिक शिक्षा बैंगलोर से ग्रहण की। मोक्षगुंडम बचपन तेज विद्यार्थियों में से अव्वल थे।
1881 ईस्वी में उन्होंने BA की डिग्री सेंट्रल कॉलेज बैंगलोर से प्राप्त की। बॉम्बे यूनिवर्सिटी से इन्होने डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग की डिग्री प्रात की। बॉम्बे के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट में भी मोक्षगुंडम ने सेवाएं दी थी बाद में इंडियन इर्रिगेशन कमीशन से भी उनको बुलावा आया।
कृष्णा राजा सागर डैम मैसूर , टिगरा डैम ग्वालियर तथा खड़कवासला रिजर्वायर आदि बड़े डैम का निर्माण कार्य भी मोक्षगुंडम द्वारा बिना किसी नुक्सान के सफलता पूर्वक संपन्न किया गया था।